Friday, September 28, 2018

What is Electronics ?

Electonics is a word that is formed by combining of two words, "Electrons and Dynamics"


  •  Electrons:- A stable subatomic particle with a charge of negative electricity, found in all atoms and acting as the primary carrier of electricity in solids.
  •  Dynamics:- Dynamics means "Movements" 
Thus we can say that Electronics is a branch of physics and technology concerned with the design of circuits using Resistors, Diode, Capicitor, transistors and microchips, and with the behaviour and movement of electrons in a semiconductor, conductor, vacuum, or gas on 0V to 24VDC.
Now there is Question that Electron move in Fans, Motors, Press, Heaters, Washing Machine etc. then these are also electronics?
No, these are not part of elecronics these are parts of Electricals. because Electronics studies only 0V to 24VDC.

Field of Electronics:- Now a days there has no any field of technology which is untouch with Elecronics. Everywhere you'll get Electronics

  1. Communication
  2. Transport
  3. Medical
  4. Research
  5. Education
  6. Business
  7. Security
  8. Entertainment
  9. Internet
  10. Food
  11. Aggriculture. etc.

Thursday, September 20, 2018

What is Adhaar - Defination and Full Imformation in Hindi



आधार कार्ड को बने आज लगभग 9 साल हो गए हैं, लेकिन आधार को लेकर आज भी मन में कई प्रकार के संशय बने हुए हैं. ये बात भी सही है की 2009 की तुलना में आज आधार कार्ड की उपयोगिता बढ़ गई है, शायद इसलिए इसको लेकर और संशय बढ़ रहा है.

आधार को लेकर मुख्यतः तीन प्रकार के प्रश्न हमारे मन में आते हैं -
1. क्या आधार का डाटा  सुरक्षित हैं ?
2. आधार क्यों जरुरी है?
3. क्या आधार निजता के अधिकार को सुरक्षित रखने में सक्षम है ?

हम तीनों बिन्दुओं को समझने की कोशिश करते हैं.

1. क्या आधार का डाटा  सुरक्षित हैं ?


जब हम अपना आधार बनवाने गए थे तो हमने अपनी Minimum Details जैसे नाम, जन्मतिथि, Gender, पता, Mobile No. और Email ID ही दी थीं, इसके अलावा हमने न तो Bank Details, न ही अपनी Income और न ही धर्म/जाति  जैसी कोई व्यक्तिगत जानकारी नहीं दीं थीं, हाँ इसके अलावा Fingerprint और Iris को स्कैन ज़रूर किया गया था.

जब Operator ने हमारी सारी जानकारी अपने कंप्यूटर में डालीं थीं तो उससे पहले उसने अपनी Login ID और Password से उसने UIDAI का Portal खोल कर उसमें अपने Fingerprint को Scan कर के Authenticate किया था.

सारी Details ठीक से fill करने के बाद एक Enrollment Slip जारी की जाती है, उस स्लिप को Operator जैसे ही print करता है, हमारा पूरा Data Encryption Process से 2048 bit में Encrypt हो जाता है, किसी भी Data का 2048 bit में Encrypt होने का मतलब Data very high security में lock कर दिया गया है, जिसको खोलने का Password सिर्फ UIDAI के पास ही है.

Enrollment के बाद जब हमारा Data UIDAI के पास पहुँचता है तो वहाँ हमारे Adhaar number को Issue करने के लिए कुछ Seconds के लिए ही हमारा Data खोला जाता है, हमारे Data को UIDAI के पास उपलब्ध अन्य Data से Match किया जाता है, यदि हमारा Data अन्य किसी Data से Match नहीं हुआ तो हमें 12 अंकों का एक विशिष्ट आधार नंबर Issue कर दिया जाता है और यदि हमारा Data किसी अन्य Data से match हुआ तो इसका मतलब हम पहले भी कभी आधार के लिए Apply कर चुके हैं और आधार Number Issue हो चुका है, हमे दुबारा Enrollment की आवश्यकता नहीं है.

Data Processimg के बाद Data को फिर से lock करके रख दिया जाता है, जब तक हम अपने आधार को OTP, या Biometric से Authenticate नहीं करते जब तक हमारे Data को कोई भी नहीं निकाल सकता, फिलहाल हम तो कह ही सकते हैं की हमारा DATA सुरक्षित है.


2. आधार क्यों जरुरी है?


हर नागरिक का अधिकार है की उसके पास कोई ऐसी  एक Identity हो जो उसे एक Legal Identity प्रदान करे, अधिकार के साथ हर नागरिक का कर्तव्य भी है की वो अपनी सिर्फ एक ही identity रखे, अक्सर हम देखते हैं की किसी के Voter ID में उसका नाम रानी है, राशन कार्ड में महारानी है लेकिन आधार में अपना नाम राजकुमारी करवाना है, ऐसा तो नहीं चलेगा ना.

हम अक्सर ऐसा भी  देखते हैं की एक ही व्यक्ति का दो अलग अलग राज्यों के दो-दो Voter ID card होते हैं, पहले जिस राज्य में रह रहे हैं वहाँ बनवा लिया, फिर किसी दुसरे राज्य में गए तो वहाँ भी बनवा लिया, लेकिन आधार में ऐसा संभव नहीं है, आप उसमे अपना नाम पता update तो करवा सकते हो लेकिन दूसरा नहीं बनवा सकते.

अक्सर ऐसा भी देखने को मिलता है की मैंने अपने ही राज्य में voter id के लिए आवेदन किया लेकिन वो नहीं बन कर मेरे पास नहीं आया , कुछ समय बाद मैंने दुबारा आवेदन कर दिया, अब बार मेरे पास पहले आवेदन किया हुआ और इस बार आवेदन किया दोनों Voter ID Card आ गए और दोनों Cards के Numbers भी अलग अलग हैं, ये भी गलत है की नहीं..? इस तरह नागरिकों की एक ही Identification को Maintain रखने के लिए आधार बहुत ही ज़रूरी है.

 पहले ये बात कही जाती थी कि अगर गरीबों के उत्थान कि किसी योजना में गरीबो के लिए सरकार से एक रुपया चलता है तो लाभार्थियों को मात्र सोलह पैसे ही मिल पाते हैं, लेकिन योजनाओं को आधार से linked करके पूरा पैसा  लाभार्थियों के खातों में सीधा पहुँचता है, इससे लाभार्थियों को फायदा तो हुआ ही है वहीं फर्जी लाभार्थियों का भी पता चल जाने से सरकार के करोड़ो रुपये भी बचे हैं. 

3. क्या आधार निजता के अधिकार को सुरक्षित रखने में सक्षम है ?

क्योंकि निजता के अधिकार का फैसला सर्वोच्च न्यायालय में सुरक्षित है अंतिम फैसला तो सर्वोच्च न्यायालय ही देगा जो कि सर्वमान्य है, लेकिन फिर भी आधार की उपयोगिता को भी नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता.

आधार से और निजी जानकारी से दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है, जैसा कि पहले hi बताया जा चूका है कि आधार के पास सिर्फ उतनी ही जानकारी है जिससे व्यक्ति को एक पहचान दि जा सके बस.

आपकी बैंक DETAILS, आप कौन सी SIM CARD प्रयोग करते हो, कहाँ आप घुमने गए, पैसा कहाँ लगाया क्यों लगाया, इन सब से आधार को कोई मतलब नहीं है और न ही आधार के पास ऐसी कोई जानकारी है, ये बस एक ऐसा DATABASE सर्वर है जो हमारी MINIMUM IDENTITY को हमारे APPROVEL के बाद hi ट्रान्सफर करता है.

अगर फिर भी आधार नंबर SHARE करने से आपको लगता है कि कोई परेशानी है तो UIDAI कि SITE पे जाके VIRTUAL ID बना सकते हैं और आधार कि जगह उसे USE कर  सकते हैं

Wednesday, September 5, 2018

आरक्षण का आविष्कार, Invention of Reservation

कई वर्षों पूर्व  अम्बेडकर सिटी नामक गाँव  में हरिराम महतो नाम का बेरोजगार युवक रहता था, एक बार वो नौकरी की तलाश में शहर जा रहा था, शहर का रास्ता जंगलों से होते हुए जाता है।
बहुत देर तक चलते हुए हरिराम थक गया था, वहीं बबूल के पेड़ को देख कर नीले आकाश के नीचे उसने आराम करना उचित समझा, आराम करने से पहले उसने अपने नीले झोले से भीम चालीसा निकाली और नीलकमल पुष्प अर्पण करके चालीसा पढ़ने लगा
हरिराम चालीसा पढ़ने में लीन था, तभी वहाँ से नीलगायों का झुंड निकला उसमें एक नीलगाय एकदम नटखट थी, उसने हरिराम को दुलत्ती मारी और भीम चालीसा को खा गई, हरिराम बौरा गया और नीलगाय के पीछे पड़ गया, नीलगाय आगे आगे और हरिराम पीछे पीछे, नीलगाय आगे आगे और हरिराम पीछे पीछे।
काफी दूर निकल जाने के बाद नीलगाय ने गोबर कर दिया और वहाँ से कट ली, हरिराम पागलों की तरह उस गोबर पर टूट पड़ा, गोबर को खोदने लगा, उसपर लोटपोट करने लगा, अंततः उसे गोबर में कोई चीज़ दिखाई दी,
उसने उसे निकाला तो देखा कि भीम चालीसा की जगह एक डायरी निकली जिस पर लिखा था  - "बाबा की डायरी"
हरिराम को बहुत आत्मग्लानि हुई वो प्रायश्चित करने लगा "जै भीम जै भीम" करके दंड बैठक करने लगा तभी अचानक बाबा की डायरी से नीला प्रकाश निकला और उसमें से नीली दाढ़ी वाले बाबा प्रकट हुए (हरबार भीम ही प्रकट होते रहेंगे क्या)
बाबा प्रकट होते ही बोले "बस कर पगले रुलाएगा क्या..?, बता तेरी क्या समस्या है"
हरिराम ने अपना सारा दुखड़ा बाबा के सामने रो दिया...
बाबा बोले बस इतनी सी बात जा तेरे लिए मै आरक्षण नाम के एक तंत्र का अविष्कार करता हूँ, जिससे तुझे शहर जाते ही नौकरी और छौकरी दोनों मिलेंगी .

अतः आरक्षण पर दलित भाइयों का जन्मसिद्ध अधिकार है.
जय भीम

How to Change Icon from .exe File



If you want to Change then Download Resource  Here, and watch Full Video


Download Resource Hacker Here


Tuesday, September 4, 2018

How to Type in Hindi by English Keyboard, English Keyboard से हिन्दी में Typing कैसे करें

कुछ दिनों पहले तक Google ने ऐसा Software Launch किया था जिसे एक बार Install कर लेने के बाद हम अपने English Keyboard की सहायता से देवनागरी हिंदी लिपि में Typing कर लेते थे, लेकिन न जाने क्यों Google ने उस Software को Delete कर दिया है, और जिन मित्रों के पास उसका setup पड़ा है वो भी Install नहीं हो पा रहा है क्योंकि वो setup Online ही Install होता था.


अब यदि हमे English keyboard से हिन्दी में typing करनी है तो google की Website में जाकर Online Typing करना होगा, जब हम  Internet से Connected हैं तब तो ठीक है, लेकिन हर समय Online रहना संभव भी नहीं है, ऐसे में अगर हिन्दी में कुछ typing करना हो तो बहुत ही परेशानी का सामना करना पड़ता है.


लेकिन वो कहते हैं ना हम भारतीय सबसे जुगाडू होते हैं, इसका भी जुगाड़ हम लोग निकाल ही लाये, नीचे मै आपको एक लिंक उपलब्ध करवा रहा हूँ जिसे एक बार Download करने के बाद आपके System में आप कितनी भी बार Offline इनस्टॉल करके, ऑफलाइन typing भी कर सकते हो.


Download Google Hindi Input Here.